Description
आवारा मसीहा सिर्फ एक जीवनी नहीं, बल्कि संघर्ष, समर्पण और सृजनशीलता की गाथा है। यह शरतचंद्र चट्टोपाध्याय के जीवन और लेखन की अनकही कहानियों को पाठकों के सामने लाती है।
शरतचंद्र का जीवन कठिनाइयों, आर्थिक तंगी, समाज के तिरस्कार और साहित्यिक संघर्षों से भरा था, लेकिन उनकी लेखनी ने भारतीय समाज की गहरी सच्चाइयों को उजागर किया। उन्होंने महिला अधिकारों, सामाजिक बंधनों और मानवीय संवेदनाओं को अपनी कहानियों में अत्यंत सजीव रूप से चित्रित किया।
इस पुस्तक में आपको मिलेगा:
📖 शरतचंद्र के संघर्षों की कहानी – कैसे उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी लेखन जारी रखा।
📖 उनकी कालजयी कृतियों की पृष्ठभूमि – “देवदास”, “श्रीकांत”, “परिणीता” जैसी अमर रचनाओं का जन्म कैसे हुआ?
📖 उनके समाज सुधारक दृष्टिकोण की झलक – क्यों वे तत्कालीन सामाजिक परंपराओं से टकराए और उन्हें बदलने का प्रयास किया?
📖 शरतचंद्र का व्यक्तिगत जीवन – उनकी यात्राएँ, प्रेम, विवाह और साहित्यिक संबंध।
विष्णु प्रभाकर ने न केवल शरतचंद्र के जीवन को समझने के लिए बंगाल की यात्रा की, बल्कि वहाँ के समाज, संस्कृति और ऐतिहासिक संदर्भों का भी गहन अध्ययन किया। उनकी यह कृति पाठकों को साहित्य के इस महानायक के जीवन से जोड़ती है और प्रेरित करती है।
अगर आप साहित्य, समाज और संघर्ष की गहराइयों को महसूस करना चाहते हैं, तो “आवारा मसीहा” आपके लिए एक अवश्य पढ़ी जाने वाली पुस्तक है।
📖 एक ऐसी जीवनी, जो आपको प्रेरित करेगी और शरतचंद्र के अद्वितीय साहित्य से जोड़ देगी!
Reviews
There are no reviews yet.